लै त्रिशूल शत्रुन को मारो । संकट से मोहि आन उबारो ॥ सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं। जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।। हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव…॥ एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥ जय https://shivchalisalyricsinbengal89682.tokka-blog.com/29988873/shiv-chalisa-lyrics-in-gujarati-pdf-an-overview