ॐ चामुण्डे जय जय स्तम्भया स्तम्भय भंजया भंजया मोहय मोहय कहने का तात्पर्य यह है कि जैसा कार्य हो वैसा ही शक्ति का उपयोग किया जाता है। वे समस्त शक्तियां ईश्वर पूर्ण ब्रह्म की हैं और पूर्व की समता में उसके किसी अंश पर अधिकार पा सकना सहज साध्य है https://baglamukhi72556.blog-a-story.com/12320224/the-ultimate-guide-to-free-vashikaran-mantra