अथर्ववेद्: इसमें ब्रह्म ज्ञान, औषधि प्रयोग, रोग निवारण, जन्त्र-तन्त्र टोना-टोटका आदि का वर्णन है। मध्य भारत में भागवत धर्म विकसित होने का प्रमाण यवन राजदूत ‘होलियोडोरस’ के वेसनगर (विदिशा) के गरुड़ स्तम्भ लेख से प्राप्त होता है। एक निजी ट्यूटर बनकर अपने गणित, विज्ञान, विदेशी-भाषा या टेस्ट-प्रेप विशेषज्ञता को एक https://moneyideahindi.com/